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बुधवार, 2 दिसंबर 2020

टाटा ने जगाई उम्मीद की किरण

 टाटा ने की लिथियम बैटरी बनाने की घोषणा ।

टाटा ने जगाई उम्मीद की किरण


 टाटा  की सब्सिडियरी टाटा केमिकल ने आखिर देश की बहुमूल्य फॉरेन करेंसी खाने वाली लिथियम बैटरी बनाने का निश्चय कर लिया है 

 क्यों जरूरी है लिथियम बैट्री

    देश मे हर साल तकरीबन 9000 करोड़ की बैटरी आयात की जाती है जो इलेक्ट्रिक गाड़ियों में लगाई जाती है  महंगे  लिथियम बैट्री से भारत की इलेक्ट्रिक गाड़ियों का बाजार चल नही पा रहा क्योंकि इसकी कॉस्ट महंगी पड़ रही है ,चीन विश्व की 60% लिथियम बैट्री का एक्सपोर्ट कर रहा है ,जिससे वो मनमाने दाम ले रहा है ,टाटा के बेट्री प्लान से जहां भविष्य के इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार में उसकी पकड़ बनेगी वही बैट्री के आयात पर होने वाला बेफिज़ूल का खर्चा बचेगा उल्टा टाटा उसे विश्व भर में फैले अपने मजबूत नेटवर्क से एक्सपोर्ट करके पैसे भी कमाएगा ओर फॉरेन करेंसी भारत आएगी।

    देश को ओर क्या फायदे होंगे 

       इलेक्ट्रिक गाड़ियां 10 साल बाद उस समय की जरूरत होगी ,जैसे अभी पेट्रोल वाहन है । ओर इससे पॉल्युशन में काफी हद तक कंट्रोल होगा ,जिससे लोगो की सेहत में सुधार होंगा व स्वास्थ्य में सरकारी खर्च कम होगा ,कार्बन मानक को पूरा करने से देश मे पर्यटक ओर विदेशी निवेश भी बढ़ेगा । इसके इलावा चीन को आर्थिक चोट भी पहुंचेगी । टाटा ओर रिलायंस एक के बाद एक चोट चीन को दे रहे है 

   रिलायंस पहले ही चीन को 5G सेक्टर में टक्कर देने उतर रही है ।

   कहाँ लगेगा प्लांट

       टाटा ने इसके लिए गुजरात की धोलेरा जगह का चयन किया है जहां लगभग 4000 करोड़ का निवेश किया जाएगा ।

    अभी भारत मे अमर बेट्री ओर exide बेट्री इसका प्रोडक्शन कर रहे है  पर वो भारत की जरूरतों को पूरा नही कर पा रही । विश्व की सबसे बड़ी लिथियम आयन बेट्री की कम्पनी panasonic USA है ।

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