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मंगलवार, 11 जनवरी 2022

इलेक्ट्रिक बेट्री में क्रांति की तैयारी ।


 बेट्री में क्रांति की तैयारी ।







फॉक्सवेगन कम्पनी बेट्री के फील्ड में क्रांति लाने की तैयारी कर रही है  वो लोहे से बेट्री बनाने की तैयारी कर रही है  ।

 बेट्री क्या है  ?

सिंपल भाषा मे oxidation  ओर  reduction की प्रकिया है  लिथियम में ये काम easily हो जाता है मतलब वो आसानी से  इलेक्ट्रॉन दे और ले सकता है यानी जब उसे चार्ज होना होता है तो वो ion को अपने मे चिपका लेता है खींच लेता है और जब उसे dishcharge होना होता है मतलब बेटरी में से power supply करनी होती है तो ion   या इलेक्ट्रान को  अपने से अलग कर लेता है 

जैसे  Li=Li+ e - 

जब कोई मेटल इलेक्ट्रॉन except कर लेता है तो उसे reduction कहते है जैसे Li +e-=Li 

इसके उल्टे  जब ये इलेक्ट्रॉन अपने से अलग या ट्रांसफर करता है तो इसे उसे ऑक्सीडेशन कहते है जैसे लोहे में जंग लगना जब वो ऑक्सीज़न के साथ मिलकर electrone  ट्रान्सफर करता है  जैसे Fe2 +o2=Fe2O3+H2O जिसे आप जंग कहते है 

यानि लोहे को जब चार्ज करना होगा तो उसे rust से लोहा बनना होगा यानी जंग (Rust) का भी स्थायी solution खोजा जायेगा  यहीं क्रन्ति होगी  । यानी अगर किसी धातु पर जंग का डर नही होगा तो वो काफी ज्यादा वैल्यू देगा ।

electricity क्या है ?

 electricity फ्लो ऑफ इलेक्ट्रॉन को कहते है   यानी जब पॉजिटिव नेगीटिव आयन एक दूसरे की तरफ आकर्षित होते है  तब करंट बनता है  अब वैज्ञानिकों के दिमाग मे आया कि लोहे के पास तो दुगनी ओर तिगनी इलेक्ट्रोन है जैसे Fe 2 ओर Fe3 अगर ये  से अपने से electrone अलग करना सीख ले और  वापस फिर ग्रहण करना सीख ले तो ये बेट्री में कन्वर्ट हो सकता है ओर लिथियम से ज्यादा पावरफुल बन सकता है तो अब इसी दिशा में काम व अनुसंधान चला है अगर ये सफल हो गया तो न केवल पर्यावरण में सुधार होगा अपितु  कई देशों की इकॉनमी भी सुधार जाएगी जो अभी तेल पर निर्भर है ।

 

भारत क्या कर रहा है इस दिशा में ?

भारत भी इजराइल के साथ मिलकर इसी तरह एल्मुनियम आधारित बेट्री बनाने के लिए अनुसंधान कर रहा है  और कई देश भी इस दिशा में तरह तरह के प्रोजेक्ट बनाने में लगे है कई नए स्टार्ट अप भी शुरू हो रहे है ।इसके अतिरिक्त भारत पावर सेक्टर में भी कम कर रहा है और हैड्रोकार्बन पर तेज़ी से काम कर रहा है जिसे आने वाले समय का एनर्जी का मैन सोर्स माना जा रहा है रिलायंस भी इस दिशा में लगी हुई है ।

 

क्या फर्क पड़ेगा इसका  ?

  भविष्य में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमतों में कमी आएगी अभी इनमें लिथियम बेट्री का प्रयोग किया जा रहा है जो  काफी ज्यादा  महंगी है क्योंकि लिथियम के भंडार दुनिया भर में सिर्फ चार पांच जगह तक सीमित है 

जिसमे बोलविया,चिली ,ऑस्ट्रेलिया,  ब्राजील जैसे देश शामिल है और इसमे भी चीन ने मोटी हिस्सेदारी  खरीद रखी है जिससे उसकी  बेट्री बाजार में  मोनोपोली है  

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