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सोमवार, 24 जनवरी 2022

दिमाग को कॉपी करने वाली तकनीक बस आने वाली है ।

दिमाग की कॉपी करने वाली तकनीक बस आने वाली है
दिमाग को कॉपी करने वाली तकनीक बस आने वाली है 



स्पीच सिंथेसाइजर जैसी तकनीक से एक कदम आगे की सोच रहे है एलन मस्क

 SpaceX और Tesla जैसी कंपनियों के मालिक एलन मस्क कुछ नया करने जा रहे है जो शायद मनुष्य जीवन मे अब तक कि सबसे लंबी छलांग होगी  । एलन मस्क  एक ऐसा तकनीक पर काम कर रहे है जिससे आपके दिमाग की मैपिंग करना बच्चों का खेल हो जाएगा ।

आने वाले समय में लोगों को कंप्यूटर और स्मार्टफोन इस्तेमाल करने के लिए बोलने की भी आवश्यकता  नही पड़ेगी ओर चुटकियों में काम हो जाएगा ।


  दिमाग के सहारे चलेंगे आपके गैजेट

 मस्‍क की कपनी ह्यूमन कंप्यूटर इंटरफेस कंपनी न्यूरालिंक (Neuralink) लंबे समय से एक ऐसी तकनीक पर काम कर रही है, जिसके सहारे लोगों के दिमाग में एक  चिप (Chip) इंप्लांट करने के बाद उनके सोचने भर से कई तरह की गतिविधि सम्भव हो जाएगी दूसरे शब्दों में कहे, तो टेलीपैथी यानी दिमाग की सोच के सहारे स्मार्टफोन और कंप्यूटर को ऑपरेट किया जा सकेगा , इस न्यूरल चिप इंप्लांट के बाद बिना कोई कमांड दिये बगैर  केवल दिमाग में उस चीज के बारे में सोचने भर से काम शुरू हो जाएगा. अभी तक कंप्यूटर चलाने के लिए आपको बोलना जरूरी होता था पर अब आपको किसी भी काम को करने के लिए बोलना भी जरूरी नही रहेगा बस सोचना मात्र होगा. बाकी का काम ये चिप कर देगी. 


 क्या है Neura Link ?


Neura link तकनीक में रोबोट की मदद से दिमाग मे electrode डाले जाएंगे  । खोपड़ी में एक माइनर से आपरेशन करके ये चिप इंसान के दिमाग मे फिट कर दी जाएगी उससे वह क्या सोच रहा है सब पता चल जाएगा क्योंकि चिप में लगा कंप्यूटर बड़ी जल्दी उसके दिमाग को पढ़ना सिख जाएगा 


दिमाग में करीब एक अरब न्यूरॉन होते है क्या इसकी कॉपी कर पाना सम्भव होगा  ?


शुरुआत में तो इससे केवल 1% इंसानी दिमाग को समझने की कोशिश की जायेगी न्यूरलिंक की इस चिप  से लोग अपनी यादों को संभाल कर रखने में कामयाब होंगे ,मतलब आप स्मार्टफोन के जैसे ही अपनी बैकअप मेमोरी बना पाओगे, ओर तो ओर इस  चिप के जरिये लोग अपनी याद्दाश्त को भी बढ़ा पाएंगे  , ब्रेन स्ट्रोक जैसी स्थिति में  इसे कंट्रोल भी किया जा सकेगा । पार्किसन जैसे रोगों में भी ये बड़ी मदद करेगा ।



 कहाँ तक पहुंची है यह तकनीक ?


न्यूरालिंक का परीक्षण बंदरों पर किया जा चुका है और यह उनमें अच्छे से काम कर रहा है. इससे एक बंदर आसानी से पोंग नाम का आर्केड गेम खेलना सीख गया है जिस को पहले जॉयस्टिक से खिलाया गया बाद में उसे हटा कर wireless चिप  से दिमाग को जोड़ा गया चौंकाने वाली बात यह रही कि बन्दर जैसा ही दिमाग मे सोचता वैसे ही एक दिमाग मे कंप्यूटर प्रोग्राम बना दिखता जिससे उसके सोचने के ढंग का भी पता लग रहा था  . न्यूरालिंक  चिप को बाल से भी पतले तारों के जरिये  दिमाग से जोड़ा जा रहा है. उम्मीद है कि यह इस साल या अगले साल मार्किट में आ सकता है  बन्दर के बाद सुअर पर भी इसका प्रयोग किया जा चुका है ।

क्या फायदा होगा नई तकनीक का ?


दुनिया मे सैकड़ो लोग ऐसे है जो बोल सुन नही पाते ,कुछ ऐसे भी है जो देख नही पाते ,इस तकनीक से उन लोगो की ब्रेन मैपिंग करके उनके दिमाग को समझने में मदद मिलेगी ,आसान शब्दो मे उनकी दिल की बात अब लोग सुन सकेंगे ।


  क्या खतरा है नई तकनीक से ?


 आज तक जितने अविष्कार हुए है उसे इंसान के लिए अच्छा बता कर प्रचारित किया गया पर बाद में वो इंसान के लिए भस्मासुर साबित हुये इसका भी कुछ ऐसा ही हाल लग रहा है । लोगो का दिमाग पढ़ने से अपराधियों पर लगाम लगाई जा सकेगी पर दूसरी यही आदमी किसी के दिमाग को पढ़ कर इनका उल्टा प्रयोग करने लगेंगे ।


शुक्रवार, 4 दिसंबर 2020

जनिये टूथब्रश करने का सही तरीका ।

 ज्यादातर लोगों को नहीं पता brush करने का सही तरीका ।

जनिये टूथब्रश करने का सही तरीका ।


   क्या आप जानते हैं कि ब्रश करने का सही तरीका क्या है, ज्यादातर लोग बहुत तेज़ी से ब्रश करते है क्योंकि उन्हें लगता है इससे दांत अच्छे से साफ होंगे पर होता उल्टा है इससे दांत कमज़ोर हो जाते है 

   कुछ उपयोगी जानकारी दांतो के बारे में 

  1      सुबह ब्रश करने के इलावा रात को भी ब्रश करना चाहिए ,सुबह अगर  कभी नाश्ता ब्रश से पहले मजबूरी में करना पड़े तो खाना खाने के 1 घंटे के बाद ही टूथब्रुश करना चाहिये ,इससे पहले ब्रश करने में नुकसान होता है ओर इनेमल क्षतिग्रस्त होता है । रात को सोने से पहले ब्रश करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है क्योंकि खाने के अन्न रात को सड़ कर दांतों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते है 

2     कभी भी टूथब्रश को गीला करके उसमे टूथपेस्ट लगा कर  दांतो को साफ न करे इससे पेस्ट के केमिकल झाग बनकर दांतो को नुकसान करते है । साथ मे ब्रश करने में परेशानी भी होती है ।

3     कभी भी दो मिनट से ज्यादा टूथब्रश न करे 

4      केवल मटर के दाने के बराबर  टूथपेस्ट ही ब्रश में लगाये ,इससे ज्यादा आपके मसूढो के लिए ठीक नही 

5       टूथब्रश को 45 डिग्री में रख कर गोल गोल घुमाते हुए ब्रश करे  कभी भी 90 डिग्री में ब्रश न करे  इससे दांतों को जबरदस्त नुकसान होता है ।

6       ब्रश करते हुए दांतो व मसूढो में जोर न लगाएं वर्ना मसूढ़े जल्दी ही दांतो का साथ छोड़ देंगे , सॉफ्ट ब्रश का इस्तेमाल करे ।

7        ब्रश करने के बाद  उंगलियों से मसूड़ों पर हल्का हल्का मसाज करने से ये मजबूत बने रहते है ।

8       क्लीनर से जीभ की सफाई जरूर करे नही तो ब्रश को हो उल्टा करके हल्के हाथों से जीभ साफ लर सकते है 

9       सप्ताह  में एक दिन दांतो को नींबू से साफ लड़ने से उस पर पीलापन नही आता 

10     दही विटामिन सी ओर पोष्टिक सलाद दांतो की सेहत बनाये रखते है 

11    बहुत गर्म या फ्रिज का  ठंडा पानी दांतों के इनेमल कमज़ोर करता है  इससे बचे ।

12       टूथ ब्रश को या तो महीने -दो महीने में बदले या गरमपानी में नमक डाल कर इसे दो मिनट के लिए उबाले ।जिससे इसके वैक्टीरिया नष्ट हो जाएंगे ।

13      कुछ भी खाने के बाद कुरला करना न भूले ।

    दांतो के सबसे ऊपर के भाग को इनेमल  कहा जाता है इसके नीचे का भाग डेंटिंन कहलाता है फिर पल्प आता है इनेमल ओर डेंटिंन तक का भाग अगर खराब हो तो फिलिंग से दांत बच जाता है हां डेंटिन में सड़न पहुचने से सेंसटिविटी होती है यानी गर्म ठंडा लगता है  पर यदि पल्प तक खराबी आ जाये तो RCT करानी पड़ सकती है क्योंकि पल्प में ही बारीक नसे होती है जब इसमें सड़न होती है तो तेज़ दर्द होना शुरू हो जाता हैं और पस  या मवाद दांतों के बेस वाली नसों में जमा हो जाती है  जिसका इलाज RCT (रूट कैनाल )से या इम्प्लांटेशन से संभव है । RCT इसलिए महंगी होती है क्यंकि इसका एक साथ इलाज नही होता व दो तीन या ज्यादा बार इसका चरणों मे इलाज करना पड़ता है एक एक नसों को निकाल कर देखना पड़ता है कि सड़न कहां तक पहुंची है । या फिर पूरा दांत इम्प्लांट कराना पड़ सकता है ।

       दांत अगर निकाले तो उसे साधारण में न ले मुँह के अंदर ऊपर ओर नीचे दोनो तरफ के दांत की आपस मे एलाइनमेंट होती है अगर उसे समय पर न भरा जाए तो जल्दी ही दांत एक दूसरे से अलाइनमेंट बिगाड़ना शुरू कर देते है ओर फिर टेढ़े मेढ़े दांत होने शुरू हो जाते है दूसरा एक तरफ के दांत टूटने पर आप मुँह के अंदर दूसरी तरफ के दांतों से काम लेना शुरू कर देते है जिससे उनमें तेज़ी से सड़न पैदा होने की सम्भवना हो जाती है ।

         

दिमाग को कॉपी करने वाली तकनीक बस आने वाली है ।

दिमाग को कॉपी करने वाली तकनीक बस आने वाली है  स्पीच सिंथेसाइजर जैसी तकनीक से एक कदम आगे की सोच रहे है एलन मस्क  SpaceX और Tesla जैसी कंपनियो...