शनिवार, 22 अगस्त 2020

ज़िला सोलन के बारे में जानिए

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ज़िला सोलन

   ज़िला सोलन के बारे में जानिए


   ज़िला सोलन के बारे में जानिए  कैसे हिमाचल का छोटा सा जिला प्रदेश का सबसे विकसित ज़िला बना है , आज यदि इसे प्रदेश की रीढ़ की हड्डी कहा जाए तो कोई शक नही होना  चाहिए ।

    विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय

    एशिया की पहली कृषि वानिकी और बागवानी यूनिवर्सिटी नौनी सोलन में स्थपित हूई थी बाद में  कृषि यूनिवर्सिटी पालमपुर चली गयी थी ।

    सोलन में आज़ादी के बाद हिमाचल के सबसे ज्यादा सरकारी  ऑफिस खुले थे क्योंकि काफी बिल्डिंग उस समय यहां पर खाली पड़ी थी  बाद में यह आफिस धीरे 2 प्रदेश के अन्य भागो में स्थानांतरित हो गए, आप को जान कर हैरानी होगी की पंजाब यूनिवर्सिटी भी कुछ समय के लिए सोलन के आर्मी एरिया में स्थानातरित हुयी थी ,इसका  रिकॉर्ड पंजाब युनिवर्सिटी में मिल जाएगा ।

     Mushroom city

     सोलन भारत की पहली मशरूम सिटी है जहाँ मशरूम के लिए कुदरती वातावरण पाया गया । आज देश का एकलौता मशरूम ट्रेनिंग सेन्टर सोलन में स्थापित है ।

 आजादी की लड़ाई में योगदान 

    सोलन की पुरानी रियासत बघाट सवतन्त्रता आन्दोलन में भाग लेने वालो में अग्रणीय रही  थी । 

     महत्वपूर्ण संस्थान         

    सोलन में प्रदेश की इकलौती सेंट्रल  स्टेट लाइब्रेरी स्थापित है ,सोलन में ही प्रदेश की एकमात्र उर्दू रास्ट्रीय ट्रेनिंग सेन्टर भी स्थापित है । सोलन में जाने माने इंटरनेशनल लेखक सलमान रश्दी का भी घर है ।

    सोलन में मोहन मेकिन ब्रूरी भी है जो पूरे भारत में लोकप्रिय है ,यह प्रदेश की ही नहीं देश ओर एशिया  की सबसे पुरानी वाइन बनाने वाली फैक्ट्री  में से एक है पहले इसके मालिक जलियांवाला बाग के जनरल डायर  थे इसका नाम भी   डायर मीकिन इंडस्ट्री हुआ करता था और उसमें डिप्लोमेट डीलक्स व्हिस्की बना करती थी, जिस पर बाकायदा उसकी तस्वीर भी लगी होती थी,   बाद में इसे  बाद में   एन एम मोहन ने खरीद लिया व बाद में  ,इसके मालिक कपिल मोहन  बने जो कभी एशिया के सबसे आमिर लोगो में शुमिर किये जाते थे ,उनकी सोलन नंबर 1 ब्रांड शराब तो पुरे देश में लोकप्रिय थी  उन्होंने इस फैक्ट्री में कई प्रयोग किये वे इसे नई बुलंदियों में पहुंचाया ,  इलावा उनके माता के जागरण और केलिन्डर  भी अपने समय पर पूरे देश में प्रसिद्ध रहे है । देश की शुरूआती मिनरल वाटर का आगाज़ करने में यह स्थान भी प्रमुख रहा है ।   कपिल मोहन ने सलोगडा में हेरिटेज पार्क बनाया है  जो आज सोलन में आने वाले पर्यटकों के लिये एक आदर्श सेन्टर बन गया है  । 

         चायल

    सोलन में चायल के तो कहने क्या यहां महाराजा पटियाला का पैलेस होटल पूरे देश में जाना जाता है  यहां मिलिट्री स्कूल भी स्थापित है व दुनिया की सबसे हाइट में बना cricket Ground  भी यंही है । यहां वन्य जीव जन्तु के लिए अभ्यरण भी बना है जहाँ जंगली मुर्गे चीतल आपको कई बार सडको में चलते दिखाई पड़ जायेंगे । यहां ही बाबा भल्खु राम की प्रतिमा भी स्थापित है जिसने कालका शिमला रेल मार्ग व पुराने हिन्दुस्थान तिब्बत रोड का सर्वे किया व उन्हें बनाने में योगदान दिया ।

    कंडाघाट में प्रदेश का इकलौता महिला बहुतकनीकी कॉलेज स्थापित है । व यहां पर ही प्रदेश क़ी इकलौती खाद्य प्रदाथो को टेस्ट करने की लैब स्थापित है ।


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      शिक्षा का हब

   सोलन में Nauni University ke  इलावा  भी जिले में कई जानी मानी यूनिवर्सिटी शामिल है ,जिसमे आई. टी यूनिवर्सिटी वाकनाघाट जिसे भारत की टॉप आई. टी. यूनिवर्सिटी में से एक माना जाता है । वाकनाघाट  में ही बाहरा एंड रयात यूनिवर्सिटी  भी स्थापित है ,कंडाघाट में ही  प्रदेश का इकलौता महिला बहुतकनीकी संस्थान  भी है ,सोलन में शूलिनी यूनिवर्सिटी टॉप 20 रैंकिंग बायोटेक यूनिवर्सिटी भारत व वर्ल्ड की टॉप 200 यूनिवर्सिटी में शामिल,  मानवभारती यूनिवर्सिटी जो अब कुछ विवादों में घिर चुकी है ,मारकण्डेश्वर मेडिकल यूनिवर्सिटी/ हॉस्पिटल, टूटूल का डेंटल कॉल, लॉ कॉलेज व बी .ऐड. कॉलेज , ग्रीन हिल इंजिनियर कॉलेज कुमारहट्टी ,सोलन का संस्कृत कॉलेज और प्रदेश की इकलौती आई एस ओ ITI, बद्दी यूनिवर्सिटी , चितकारा यूनिवर्सिटी , बद्दी का इंजिनियर कॉलेज ,  CRI कसौली जो की नार्थ इंडिया का इकलौता संस्थान है जहाँ गवर्नमेन्ट सेक्टर के लिए ड़ी0 प़ी0टी0 के टीके से लेकर स्नेक के काटने से बचाव की दवाईया बनायीं जाती है  इसके इलावा दर्ज़नो छोटे बड़े शिक्षा संस्थान भी स्थपित है ।

       सनावर स्कूल

    स्कूल की बात करे तो इंडिया का पांचवा सबसे प्रतिष्ठित स्कूल सनावर कसौली में है जहां से फ़िल्मी इंडस्ट्री से ले कर आर्मी तक के बड़े लोग निकले है चाहे मेनका गांधी,सैफ अली खान,परीक्षित साहनी, भूटान राजकुमारी,हो या सुखबीर बादल या संजय दत्त सभी सेलेब्रिटी यही से निकली है  । चायल का मिलिट्री स्कूल हो या डगशाई का डगशाई पब्लिक स्कूल और आर्मी पब्लिक स्कूल सभी की धाक दूर दूर तक है ।


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     उत्तर भारत का मानचेस्टर

     इंडस्ट्री की बात करे तो परवाणु हिमाचल का सबसे पुराना औद्योगिक क्षेत्र है । उसके बाद बद्दी नालागढ़ बरोटीवाला का  औद्योगिक क्षेत्र् आता है जहाँ सुई से लेकर जहाज़ तक के समान व पुरजे बनाये जाते है व पुरे उतर भारत का महत्वपूर्ण ओद्योगिक स्थान है ।

     अर्की क्षेत्र की सीमेंट फैक्ट्री अम्बुजा व जे पी अपना विशेष स्थान रखती है इसके अतिरिक्त यहां खनिजो का भंडार पाया गया है सोलन ज़िले में थोरियम की बात कुछ वैज्ञानिक कहते है कसौली में गढ़कल से तीन किलोमीटर दूरी में ONGC ने तेल के लिए खुदाई की है व कुछ विशेष कारणों से अभी इसे बंद किया गया है भविष्य में आप देखेंगे कि यहां से तेल निकलेगा ।सोलन का प्रकितिक पीले रग का बालू पूरे हिमाचल में नही मिलता जिसकी मज़बूती को बेस्ट माना गया है।

     सब्जियों का गढ़  

    सब्ज़ियों में भी सोलन पूरे हिमाचल में छाया है यहां के टमाटर की डिमांड दिल्ली के फाइव स्टार होटल में है इसके इलावा शिमला मिर्च अदरक ,पलम ,खुमानी अखरोट भी टेस्ट में बेस्ट है ।

     पर्यटन की बात करे तो कसौली का मंकी पॉइंट,सन सेट पॉइंट,1800 इस्वी का चर्च ,स्कूल पुरानी इमारते, टी वी टावर,सी0 आर0 आई0 की 1800 सदी की बिल्डिंग ,नार्थ इंडिया का सबसे पुराना sanatorium टी वी सेन्टर जो कि धर्मपुर में  स्थित है लोकप्रिय है व ऐतिहासिक है ।

        टिम्बर ट्रेल

     परवाणू का टिम्बर ट्रेल जो वर्ल्ड फेमस है । सोलन में बन रहा पहला फाइव स्टार होटल ,सोलन सुबाथु व डगशाई की पुरानी चर्चे  ,सोलन का करोल पांडव गुफा जिसके बारे में मॉन जाता है कि उसका एक सिरा पिंजौर में जा के खुलता है, धारो की धार का गोरखों का किला जो की एक रात में जौनाजी से पत्थर ढो कर तैयार किया गया । हैप्पी वैली सोलन, बाघल रियासत किला अर्की ,handoi रियासत नालागढ  किला ,बघाट रियासत सोलन किला , कसौली के पास स्थित पट्टा महलोग रियासत का किला ,जोहड़ जी में बाबा जी  की समाधि ; हरिपुर बरोटीवाला में बाबा जी की समाधि jatoli मन्दिर में बाबाजी की समाधि  जो एशिया में सबसे ऊँचा शिव मन्दिर भी है नालागढ़ में पीर बाबा की dargagh ,अर्की में झोटो की लड़ाई वाला सयार मेला,कुनिहर की शिव गुफा ,salogada में बन रहा हेरिटेज सेन्टर, सोलन के पास स्थित कालाघाट की Dolanji monastery जो की पुरे वर्ल्ड में अपने तरह की इकलौती monastery है , यंहां रहने वाले बुद्दिस्ट sect के लोग वर्ल्ड में और कहीं नहीं है ।

        पैलेस होटल 

   चायल का पैलेस होटल ,काली का टिब्बा ,साधु पूल व अश्ववनी khud गिरि पूल ,डग्शाई की 1800 सदी की जेल जिसमे इंडियन को टार्चर किया जाता था जहाँ महात्मा गाँधीको भी बंदी बना कर रखा गया ।कुछ आइरिश फोरेनर को भी बंदी बना कर रखा गया  ,कभी जरूर जाइये आपकी रूह कांप जाएगी जब आप को पता चलेगा की कैसे यातनाये दी जाती थी ।

  कालका शिमला टॉय ट्रेन 

      कालका शिमला रेलवे लाइन को कोन भूल सकता है 103 सुरंगों वाली 1903 में बनी ये रेल मार्ग सबसे जायदा सोलन को ही गोरान्वित करती है बड़ोग सुरंग सबसे बड़ी है तो kaithalighat में समय समय पर पुराने दिनों को याद् करने के लिए विशेष स्टीम इंजन चलाया जाता है ।आज भी टूरिस्ट की पहली पसंद ये रेल मार्ग है 

    लोगो का मनपसन्द शहर 

   अपने अनुकूल आबोहवा के कारण सोलन प्रदेश से बाहर के लोगो के लिए आदर्श रेसिडेंशियल स्थान बना है इसीलिए यहां फ्लैट बनाने वाले बिल्डरों की भरमार लग गई है ,फ्लैट कल्चर का आगाज़ प्रदेश में सोलन को ही माना जाता है ,इंडिया टुडे के एक बार के सर्वे में सबसे ज्यादा लेंटल औसत के हिसाब से जिला सोलन में डाले गए थे असज सभी बड़ी कंपनियों की एजेंसी सोलन वासियों को उपलब्ध है सोलन के निगम बनने से ये तरक्की बहुत तेज़ी से आगे बढ़ेगी और अगले चरण में यकीनन ये स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल होगा ।

       निष्कर्ष

     कुल मिला कर ज़िला सोलन से पूरे प्रदेश की आर्थिक गतिविधि चली है यह जिला पूरे हिमाचल की जीडीपी में अकेले ही 30 से 35% का योगदान देता है ,शिक्षा व पर्यटन में भी काफी प्रगति की है यद्यपि राजनीति में केवल पुराने विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल को छोड़ कर कोई भी लोकप्रिय लीडर प्रदेश में अपनी धाक नही जगा पाया परिणामस्वरूप केवल अपने बलबूते ही यह जिला प्रगति कर रहा है राजनीति से कुछ भी हांसिल नही हुआ जितना इसे अपनी लोकेशन ओर प्रदेश में योगदान के बदले मिलना चाहिए था ।

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