शाकाहारियों की IQ मांसाहारियों की तुलना में तेज़ होती है ।
शाकाहारी बने
विश्व की लगभग 5% आबादी शाकाहारी है ,पर अब इसकी संख्या तेजी से बढ़ रही है कई महशूर हस्तियां अब शाकाहारी बन चुकी है व लोगो को भी शाकाहारी बनने को प्रेरित कर रही है ,टेनिस खिलाड़ी मार्टिन नवरातिलोवा, पाप गयिका मैडोना,टॉम क्रूज,जेनिफर लोपेज,ब्रेड पिट,माइक टायसन,डमी नूर,पामेला एंडरसन,रिचर्ड गेरे,सेमुअल जैकसन,ब्रायन एडम्स,बिल क्लिंटन आदि कुछ प्रमुख विदेशी हस्तियां वर्तमान में शाकाहारी है व भूतकाल में ,लियानाडो दी विंची,थॉमस एडिसन, टेस्ला,हेनरी फोर्ड ,आइंस्टाइन,ब्रूस ली ,शेक्सपियर आदि शामिल रही है ,भारत के मशहुर शाकाहारियों में महात्मा गांधी,अमिताभ वच्चन,,विद्या बालन ,सोनम कपूर,नेहा धूपिया,जैकलीन फर्नाडीस,जॉन इब्राहिम,सोनाक्षी सिन्हा ,कंगना राणौत,शाहिद कपूर ,आलिया भट,आयशा टाकिया ,आर माधवन,लीजा हेडन ओर अभी 2 आमिर खान भी शामिल हो गए है ,इनमें से ज्यादातर पहले मांसाहारी थे पर जानवरों के प्रति क्रूर व्यवहार को देख कर ये शाकाहारी बन गए । भारत का जैन समुदाय तो इससे कोसो दूर रहता है ,
शाकाहारी जुड़े होते है धर्म से
आप किसी भी धर्म को ले लीजिये, उसमे कही भी हिंसा को सपोर्ट नही किया गया है , हिन्दू ,बौद्ध ,सिख, ईसाई सभी अहिंसा पर आधारित है ,बौद्ध गुरु दलाईलामा ने तो कई बार बुद्धिस्ट लोगो को मीट खाने से परहेज करने को कहा है । गुरु नानक ,भगवान राम सब शुद्ध शाकाहारी जीवन व्यतीत करने को कहा करते थे ।
शाकाहारियों की होती है मांसाहारीयों की तुलना में तेज IQ
विश्वभर के डॉक्टरों की समय समय पर की गई अन्वेषण ने ये साबित कर दिया है कि फल दूध,सब्ज़ियों ओर वनस्पतियों मसलन दाल गेंहू चावल इत्यादि से बना खाना सेहत के लिए लाभदायक होता है ओर इसको ग्रहण करने वाले शाकाहारी लोगो का IQ मांसाहारियों की तुलना में ज्यादा होता है ।क्योंकि इनको पचाने के लिए शरीर की नसो को ज्यादा मेहनत नही करनी पड़ती ,जबकि मांसाहारी खाद्य सामग्री को पचाने में शरीर को बड़ी मेहनत करना पडती है जिससे दिमाग की क्षमता में भी फर्क पड़ता है ।
कैसे शरीर बना है भोजन के अनुसार ।
अगर आप मनुष्य और पशुओं के दांतों की तुलना करेंगे तो आप पाएंगे कि दोनों के दांत सृष्टि ने अलग 2 बनाये है, जहां जानवर के दांत ओर जबड़े तीखे ओर मजबूत होते है वही मनुष्य के दांत नर्म व जबड़े शाकाहारी खाने को पचाने के हिसाब से बनाये गए है । शाकाहारी जानवरो जैसे घोड़े गाय और हिरन के दांत भी लगभग सपाट होते है ।
गलत अवधारणा
कुछ लोगो मे गलत अवधारणा है कि बिना मास के शरीर का विकास नही हो पाता है ज़मीनी जानवरो में सबसे बड़ा जानवर हाथी,सबसे तेज़ दौड़ने वाला जानवर हिरण,सबसे मजबूत खाल का गेडा ओर सबसे ऊंचा जानवर ऊंट शाकाहारी है और हर क्षेत्र में मांसाहारियों से एक कदम आगे है । मनुष्य को अंडे में जहां 13% प्रोटीन(प्रति 100 ग्राम) मिलता है वही सोयाबीन में ये 43,मुगफली में 39 व पनीर में 24%पाई जाती है ,अंडों में 173 कैलोरी तो मुगफली में 440 व सोयाबीन में 432 होती है ,केलोस्ट्रोल जहां अंडे में 500 मिलीग्राम होता है वही सब्जियों और फल में शून्य से 5 % तक पाया जाता है
पर्यावरण के लिए मांसाहारी भोजन वरदान ।
एक किलो गोश्त तैयार करने में प्रकिति के 100 किलो से ऊपर घास व अन्य वनस्पति नष्ट होती है ,उस गोश्त को अगर विश्व की 95% आबादी खा रही है तो समझो पर्यवरण का कितना नुकसान हो रहा है । जबकि शाकाहारी लोग प्राकृत्तिक रूप से तैयार उस समान को खाते है जिसका पर्यवरण पर काफी कम प्रभाव पड़ता है ।
पशुओं पर होने वाले अत्याचार के दोषी है मांसाहारी
क्या आपको पता है जो ब्रायलर,मटन ,चिकन पोर्क ओर बीफ आप लोग खाते है आजकल उसे उस जानवर से प्राप्त किया जाता है जिसे घोर यातनाएं दी जाती है मुर्गियों को लोहे की जलियों में इस तरह ठुसा जाता है जहां वह अपने पंख तक नहीं फैला सकती उनकी चोंच को गर्म ब्लेड से काट दिया जाता है ये प्रकिया बहुत ही कष्टदायक ओर जानलेवा होती है ,मुर्गों को तो पैदा ही मरने के लिए होना पड़ता है ।बैल ,बकरा,सब दूध न देने के कारण मार दिए जाते है गाय और ज्यादातर पालतू दुग्ध देने वाले जानवर दूध का निर्माण केवल अपनी संतानों के लिए करते है व जंगली जानवर चार पांच साल के बाद प्रजनन करते है पर मनुष्य ने अपने स्वार्थ के खातिर उन्हें हर साल प्रजनन करने को विवश कर दिया है ज्यादा दूध के चक्कर मे कई तरह के इंजेक्शन उन्हें लगाए जाते है जिससे जानवर वो दूध भी अपने शरीर मे रोक नही पाता जो उसने अपने बच्चों के लिए स्टोर करना होता है ,जन्म के बाद सुऊर को उस की माँ से अलग कर दिया जाता है फिर उनकी पूछ ओर अंडकोष को काटा जाता है बिना किसी पेनकिल्लर के ,सचमुच मनुध्य निर्दयी हो चुका है ,जापान में जिंदा मछलियों के अंदर मसाले भर कर सर्व किया जाता है जबकि उसकी सांसे चल रही होती है ,डिस्कवरी जैसे चैनलों ने जानवरो पर अत्याचार को बढ़ाया है जहां इसका एंकर जिंदा ही कई प्राणियों को खाता दिखाई देता है ,केवल मनुष्य अपने तुच्छ स्वाद के कारण पाप का भागीदार बनता जा रहा है और कुर से क्रूर कृत्य कर रहा है ।
मनुष्य के लिए अभिशाप है ये मॉस
जानवरो को मारने से पहले कई बार तड़फाया जाता है इस प्रकिया से उनके शरीर मे डर का भाव पैदा होता है जो कई खतरनाक केमिकल का निर्माण करता है जो उनके मास में घुस जाते है और अलग नही होते जब इंसान इसका भक्षन करता है तो ये उसके शरीर मे चले जाते है व उसकी बॉडी निकाल नही पाती नतीजन शरीर बीमारियों का अड्डा बन जाता है ।कलेस्ट्रॉल ,ओर कई बीमारी इसकी परिणाम है अभी कोरोना की बीमारी इसी की सौगात है इससे पहले बर्ड फ्लू,हेड ओर फुट रोग और कई लाइलाज़ बीमारियां इनसे फैली है ।
बीमारियां जो फैलती है मांसाहारियों में
दिल,केंसर,ब्लड प्रेशर,ब्लड शुगर, हड्डियों के रोग ,अस्थमा कुछ बीमारियां ज्यादा मांसाहारी लोगो को होती है ।
निष्कर्ष
अब आप पर निर्भर है आप मांसाहारी भोजन ग्रहण करके पशुओं पर अत्याचार करके अपनी आत्मा और शरीर का विनाश करना चाहते या धर्म के रास्ते चल कर शाकाहारी बनना चाहते है ।
शाकाहारी राज्यो में राजस्थान पहले नम्बर में ,दूसरे नम्बर में पंजाब ओर तीसरे में हरियाणा आता है ।
WHO एक अक्टूबर को शाकाहारी दिवस मनाती है ।
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