शुक्रवार, 28 अगस्त 2020
गुरुवार, 27 अगस्त 2020
ब्लॉग ओर वलोग में अंतर
बुधवार, 26 अगस्त 2020
पांडव गुफा करोल का टिब्बा सोलन ट्रैकिंग व पर्यटन के लिए लाजवाब जगह
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Karol cave |
पाण्डव गुफा करोल ,पिकनिक के लिए अच्छा स्थल ।
हिमाचल में हिमालय रेंज की सबसे पुरानी और लंबी 28 किमी गुफा आज भी रहस्य बनी हुई है। कहा जाता है कि पांडवों के अलावा इस गुफा को कोई पार नहीं पाया
यह गुफा हिमाचल के कालका-शिमला हाईवे के समुद्र तल से 7000 हजार फीट की ऊंचाई पर करोल पहाड़ पर स्थित है।
गुफा के अंदर प्रवेश करते ही तरह 2 की आकृतियां दिखने लगती हैं। सोलन में इसे करोल टिब्बा के नाम से भी जाना जाता है।
गांव के लोगों का मानना गुफा के अंदर अलौकिक शक्तियां हैं। जिनका रहस्य अभी तक वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए हैं, इस गुफा के अंदर 150 फीट तक ही जाया जा सकता है, गुफा अंदर पानी के कारण काफी फिसलन है और लैंड स्लाइड से पत्थर भी गिरते रहते हैं।
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हिमालय रेंज की 28 किमी लंबी गुफा,
देव भूमि हिमाचल में हिमालय रेंज की सबसे पुरानी और लंबी 28 किमी गुफा आज भी रहस्य बनी हुई है। कहा जाता है कि पांडवों के अलावा इस गुफा को कोई पार नहीं पाया।
इसलिए है पिंजौर गार्डन कनेक्शन...
ऐसा कहा जाता है कि यह गुफा पांडव काल की है और इस स्थान से शुरू होकर 40 किमी दूर कालका के पिंजोर गार्डन में निकलती है।
एक जर्मनी के साइंटिस्ट ने जब गुफा के अंदर प्रयोग के तौर पर रंगीन पानी डाला तो यह पिंजौर गार्डन के पानी के प्राकृतिक चश्मों में निकला। जिससे एक बात तो साबित होती है कि गुफा पिंजौर में ही निकलती है वैज्ञानिकों की टीम भी इस गुफा का मुआयना कर चुकी है। टीम ने अंदेशा जताया था कि इस गुफा के अंदर बड़ी झील हो सकती है। कवदंती के मुताबिक महाभारत में जब शकुनि ने पांडवों को लाक्ष्य गृह में जिंदा जलाने की योजना तैयार की तो भीष्म पितामह ने पांडवों को भगाने के लिए इस गुफा का निर्माण किया था,पांडवों यहां पर पांच वर्ष तक रहे थे। गुफा के अंदर कई अजीबोगरीब चीजें हैं जिन्हें देखने के बाद किसी की अंदर जाने की हिम्मत नहीं पड़ती ,गुफा के अंदर कई शिवलिंग भी बने हुए हैं। ऐसे में यह गुफा भगवान शिव से जुड़े अनेकों रहस्य समेटे हुए हैं।
गांव के लोगों का कहना है कि करोल के पहाड़ पर दुर्लभ जड़ी बूटियां हैं,गुफा के अंदर ऑक्सीजन की कमी महसूस होती है व चमगादड़ो ओर अन्य छोटे बड़े जीव जंतु की उपस्थिति नज़र आती है कुछ दूर के बाद घुप्प अंधेरा आ जाता है अभी तक कोई भी डिस्कवरी या नेशनल जियोग्राफिक चैनल इसका भेद नही खोल पाए है अगर इस पर रिसर्च की जाए तो निश्चित तौर पर कई बड़े रहस्य सामने आएंगे । कई जीव जंतु जो इसके अंदर है वो दूर 2 तक इस इलाके में नही दिखाई देते है कहते है कि इस पहाड़ी में कीमती जड़ी बूटियों का खजाना है पर कम लोग ही इनको पहचान पाते है ।देश के तीसरे मिनरल वाटर गोल्डन ईगल का उदगम भी यही पहाड़ी है इसकी चोटी से चायल और शिमला दिखाई देते है । करोल टिब्बे की ऊंचाई 2237 मीटर है ।
शनिवार, 22 अगस्त 2020
AIIMS की स्थापना
क्या आप जानते है अहलूवालिया खानदान से थी भारत के एम्स संस्थान को बनवाने वाली राजकुमारी ।
"AIIMS"
कपूरथला राज परिवार की अमृता कौर आहलू वालिया ने बनवाया था , इसके लिए निजी संपत्ति खर्च की थी विदेशों से चंदा जुटाया इसके लिए अपनी 100 एकड़ जमीन बेचीं थी हिमाचल के अपने बंगले मेनरविल्ला जो शिमला में था को एम्स के नाम कर दिया व इसे राष्ट्र की सम्पत्ति घोषित कर दिया था । जहां आज डॉक्टर ओर नर्स ठहर सकते है ।
लखनऊ में 1889 में इन्होंने जन्म लिया इनके पिता हरनाम सिंह कपूरथला रियासत से थे शिक्षा ऑक्सफोर्ड से की थी, जब वह ऑक्सफोर्ड से पढ़ कर वापिस आई तो शिमला के वॉयस रीगल (आज का राष्ट्रपति भवन शिमला) में एक फंक्शन हुआ जिसमें अंग्रेज ओर इंडियन शामिल थे पार्टी के दौरान एक अंग्रेज़ ने उन्हें डांस करने का ऑफ़र दिया जिसे उसने मन कर दिया इस पर अंग्रेज़ भड़क गया ओर भारतीयों के बारे में काफी अपशब्द कहे इससे उनके मन को बहुत धक्का लगा ओर देश प्रेम की भावना जागृत हुई बाद में जब भारत में जलियांवाला बाग घटना हुई तो वह आजादी के आंदोलन में कूद पड़ी और महात्मा गांधी जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चली, वह महात्मा गांधी की 16 सालों तक सेकेट्री रही ,महात्मा गांधी के कहने पर उन्होंने हरिजनों की बस्ती में जा के सफाई का काम भी किया क्योंकि गोपाल कृष्ण गोखले उनके पिता के बहुत नजदीकी थे इसलिए बचपन से ही उनका झुकाव राजनीति की तरफ रहा , वो All India Women's conference की फाउंडर मेंबर भी रही थी ।
बहुत कम लोगों को पता होगा कि भारत की प्रथम कैबिनेट मंत्री राजकुमारी अमृता कौर अपना पहला चुनाव आज के हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से जीती थी जोकि उस समय यूनाइटेड प्रोविंस के नाम से जाना जाता था
वह भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री रही उसके बाद वह वर्ल्ड हेल्थ असेंबली कि प्रेसिडेंट भी रही , पहली बार कोई भारतीय ,एशियाई और महिला इस पद तक पहुंची थी वह डॉक्टर बनना चाहती थी पर वह उसमें सफल ना हो सकी क्योंकि उन्होंने भारत की स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया पर पर वह भारत की स्वास्थ्य मंत्री तो बन ही गई ।
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टाइम मैगजीन ने अभी हाल में पिछले सदी में 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं के नाम सार्वजनिक किए हैं जिसमें भारत की 2 महिलाएं भी शामिल है इसमें से एक तो राजकुमारी अमृता कौर जी और दूसरी श्रीमती इंदिरा गांधी को शामिल किया गया , राजकुमारी अमृता कौर को 1947 के लिए और इंदिरा गांधी को 1976 के लिए womens of the year चुना गया ।
दुख इस बात का है कि आज नई पीढ़ी उनके नाम को भी नहीं जानती जोकि बहुत दुखदाई लगता है जरूरत है उनके योगदान को रेखांकित करने की ।
ज़िला सोलन के बारे में जानिए
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ज़िला सोलन |
ज़िला सोलन के बारे में जानिए ।
ज़िला सोलन के बारे में जानिए कैसे हिमाचल का छोटा सा जिला प्रदेश का सबसे विकसित ज़िला बना है , आज यदि इसे प्रदेश की रीढ़ की हड्डी कहा जाए तो कोई शक नही होना चाहिए ।
विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय
एशिया की पहली कृषि वानिकी और बागवानी यूनिवर्सिटी नौनी सोलन में स्थपित हूई थी बाद में कृषि यूनिवर्सिटी पालमपुर चली गयी थी ।
सोलन में आज़ादी के बाद हिमाचल के सबसे ज्यादा सरकारी ऑफिस खुले थे क्योंकि काफी बिल्डिंग उस समय यहां पर खाली पड़ी थी बाद में यह आफिस धीरे 2 प्रदेश के अन्य भागो में स्थानांतरित हो गए, आप को जान कर हैरानी होगी की पंजाब यूनिवर्सिटी भी कुछ समय के लिए सोलन के आर्मी एरिया में स्थानातरित हुयी थी ,इसका रिकॉर्ड पंजाब युनिवर्सिटी में मिल जाएगा ।
Mushroom city
सोलन भारत की पहली मशरूम सिटी है जहाँ मशरूम के लिए कुदरती वातावरण पाया गया । आज देश का एकलौता मशरूम ट्रेनिंग सेन्टर सोलन में स्थापित है ।
आजादी की लड़ाई में योगदान
सोलन की पुरानी रियासत बघाट सवतन्त्रता आन्दोलन में भाग लेने वालो में अग्रणीय रही थी ।
महत्वपूर्ण संस्थान
सोलन में प्रदेश की इकलौती सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी स्थापित है ,सोलन में ही प्रदेश की एकमात्र उर्दू रास्ट्रीय ट्रेनिंग सेन्टर भी स्थापित है । सोलन में जाने माने इंटरनेशनल लेखक सलमान रश्दी का भी घर है ।
चायल
सोलन में चायल के तो कहने क्या यहां महाराजा पटियाला का पैलेस होटल पूरे देश में जाना जाता है यहां मिलिट्री स्कूल भी स्थापित है व दुनिया की सबसे हाइट में बना cricket Ground भी यंही है । यहां वन्य जीव जन्तु के लिए अभ्यरण भी बना है जहाँ जंगली मुर्गे चीतल आपको कई बार सडको में चलते दिखाई पड़ जायेंगे । यहां ही बाबा भल्खु राम की प्रतिमा भी स्थापित है जिसने कालका शिमला रेल मार्ग व पुराने हिन्दुस्थान तिब्बत रोड का सर्वे किया व उन्हें बनाने में योगदान दिया ।
कंडाघाट में प्रदेश का इकलौता महिला बहुतकनीकी कॉलेज स्थापित है । व यहां पर ही प्रदेश क़ी इकलौती खाद्य प्रदाथो को टेस्ट करने की लैब स्थापित है ।
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शिक्षा का हब
सोलन में Nauni University ke इलावा भी जिले में कई जानी मानी यूनिवर्सिटी शामिल है ,जिसमे आई. टी यूनिवर्सिटी वाकनाघाट जिसे भारत की टॉप आई. टी. यूनिवर्सिटी में से एक माना जाता है । वाकनाघाट में ही बाहरा एंड रयात यूनिवर्सिटी भी स्थापित है ,कंडाघाट में ही प्रदेश का इकलौता महिला बहुतकनीकी संस्थान भी है ,सोलन में शूलिनी यूनिवर्सिटी टॉप 20 रैंकिंग बायोटेक यूनिवर्सिटी भारत व वर्ल्ड की टॉप 200 यूनिवर्सिटी में शामिल, मानवभारती यूनिवर्सिटी जो अब कुछ विवादों में घिर चुकी है ,मारकण्डेश्वर मेडिकल यूनिवर्सिटी/ हॉस्पिटल, टूटूल का डेंटल कॉल, लॉ कॉलेज व बी .ऐड. कॉलेज , ग्रीन हिल इंजिनियर कॉलेज कुमारहट्टी ,सोलन का संस्कृत कॉलेज और प्रदेश की इकलौती आई एस ओ ITI, बद्दी यूनिवर्सिटी , चितकारा यूनिवर्सिटी , बद्दी का इंजिनियर कॉलेज , CRI कसौली जो की नार्थ इंडिया का इकलौता संस्थान है जहाँ गवर्नमेन्ट सेक्टर के लिए ड़ी0 प़ी0टी0 के टीके से लेकर स्नेक के काटने से बचाव की दवाईया बनायीं जाती है इसके इलावा दर्ज़नो छोटे बड़े शिक्षा संस्थान भी स्थपित है ।
सनावर स्कूल
स्कूल की बात करे तो इंडिया का पांचवा सबसे प्रतिष्ठित स्कूल सनावर कसौली में है जहां से फ़िल्मी इंडस्ट्री से ले कर आर्मी तक के बड़े लोग निकले है चाहे मेनका गांधी,सैफ अली खान,परीक्षित साहनी, भूटान राजकुमारी,हो या सुखबीर बादल या संजय दत्त सभी सेलेब्रिटी यही से निकली है । चायल का मिलिट्री स्कूल हो या डगशाई का डगशाई पब्लिक स्कूल और आर्मी पब्लिक स्कूल सभी की धाक दूर दूर तक है ।
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उत्तर भारत का मानचेस्टर
अर्की क्षेत्र की सीमेंट फैक्ट्री अम्बुजा व जे पी अपना विशेष स्थान रखती है इसके अतिरिक्त यहां खनिजो का भंडार पाया गया है सोलन ज़िले में थोरियम की बात कुछ वैज्ञानिक कहते है कसौली में गढ़कल से तीन किलोमीटर दूरी में ONGC ने तेल के लिए खुदाई की है व कुछ विशेष कारणों से अभी इसे बंद किया गया है भविष्य में आप देखेंगे कि यहां से तेल निकलेगा ।सोलन का प्रकितिक पीले रग का बालू पूरे हिमाचल में नही मिलता जिसकी मज़बूती को बेस्ट माना गया है।
सब्जियों का गढ़
सब्ज़ियों में भी सोलन पूरे हिमाचल में छाया है यहां के टमाटर की डिमांड दिल्ली के फाइव स्टार होटल में है इसके इलावा शिमला मिर्च अदरक ,पलम ,खुमानी अखरोट भी टेस्ट में बेस्ट है ।
पर्यटन की बात करे तो कसौली का मंकी पॉइंट,सन सेट पॉइंट,1800 इस्वी का चर्च ,स्कूल पुरानी इमारते, टी वी टावर,सी0 आर0 आई0 की 1800 सदी की बिल्डिंग ,नार्थ इंडिया का सबसे पुराना sanatorium टी वी सेन्टर जो कि धर्मपुर में स्थित है लोकप्रिय है व ऐतिहासिक है ।
टिम्बर ट्रेल
परवाणू का टिम्बर ट्रेल जो वर्ल्ड फेमस है । सोलन में बन रहा पहला फाइव स्टार होटल ,सोलन सुबाथु व डगशाई की पुरानी चर्चे ,सोलन का करोल पांडव गुफा जिसके बारे में मॉन जाता है कि उसका एक सिरा पिंजौर में जा के खुलता है, धारो की धार का गोरखों का किला जो की एक रात में जौनाजी से पत्थर ढो कर तैयार किया गया । हैप्पी वैली सोलन, बाघल रियासत किला अर्की ,handoi रियासत नालागढ किला ,बघाट रियासत सोलन किला , कसौली के पास स्थित पट्टा महलोग रियासत का किला ,जोहड़ जी में बाबा जी की समाधि ; हरिपुर बरोटीवाला में बाबा जी की समाधि jatoli मन्दिर में बाबाजी की समाधि जो एशिया में सबसे ऊँचा शिव मन्दिर भी है नालागढ़ में पीर बाबा की dargagh ,अर्की में झोटो की लड़ाई वाला सयार मेला,कुनिहर की शिव गुफा ,salogada में बन रहा हेरिटेज सेन्टर, सोलन के पास स्थित कालाघाट की Dolanji monastery जो की पुरे वर्ल्ड में अपने तरह की इकलौती monastery है , यंहां रहने वाले बुद्दिस्ट sect के लोग वर्ल्ड में और कहीं नहीं है ।
पैलेस होटल
चायल का पैलेस होटल ,काली का टिब्बा ,साधु पूल व अश्ववनी khud गिरि पूल ,डग्शाई की 1800 सदी की जेल जिसमे इंडियन को टार्चर किया जाता था जहाँ महात्मा गाँधीको भी बंदी बना कर रखा गया ।कुछ आइरिश फोरेनर को भी बंदी बना कर रखा गया ,कभी जरूर जाइये आपकी रूह कांप जाएगी जब आप को पता चलेगा की कैसे यातनाये दी जाती थी ।
कालका शिमला टॉय ट्रेन
कालका शिमला रेलवे लाइन को कोन भूल सकता है 103 सुरंगों वाली 1903 में बनी ये रेल मार्ग सबसे जायदा सोलन को ही गोरान्वित करती है बड़ोग सुरंग सबसे बड़ी है तो kaithalighat में समय समय पर पुराने दिनों को याद् करने के लिए विशेष स्टीम इंजन चलाया जाता है ।आज भी टूरिस्ट की पहली पसंद ये रेल मार्ग है
लोगो का मनपसन्द शहर
अपने अनुकूल आबोहवा के कारण सोलन प्रदेश से बाहर के लोगो के लिए आदर्श रेसिडेंशियल स्थान बना है इसीलिए यहां फ्लैट बनाने वाले बिल्डरों की भरमार लग गई है ,फ्लैट कल्चर का आगाज़ प्रदेश में सोलन को ही माना जाता है ,इंडिया टुडे के एक बार के सर्वे में सबसे ज्यादा लेंटल औसत के हिसाब से जिला सोलन में डाले गए थे असज सभी बड़ी कंपनियों की एजेंसी सोलन वासियों को उपलब्ध है सोलन के निगम बनने से ये तरक्की बहुत तेज़ी से आगे बढ़ेगी और अगले चरण में यकीनन ये स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल होगा ।
निष्कर्ष
कुल मिला कर ज़िला सोलन से पूरे प्रदेश की आर्थिक गतिविधि चली है यह जिला पूरे हिमाचल की जीडीपी में अकेले ही 30 से 35% का योगदान देता है ,शिक्षा व पर्यटन में भी काफी प्रगति की है यद्यपि राजनीति में केवल पुराने विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल को छोड़ कर कोई भी लोकप्रिय लीडर प्रदेश में अपनी धाक नही जगा पाया परिणामस्वरूप केवल अपने बलबूते ही यह जिला प्रगति कर रहा है राजनीति से कुछ भी हांसिल नही हुआ जितना इसे अपनी लोकेशन ओर प्रदेश में योगदान के बदले मिलना चाहिए था ।
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दिमाग को कॉपी करने वाली तकनीक बस आने वाली है स्पीच सिंथेसाइजर जैसी तकनीक से एक कदम आगे की सोच रहे है एलन मस्क SpaceX और Tesla जैसी कंपनियो...
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